

आईएनएस विक्रांत
* भारतीय नौसेना को 2 सितंबर 2022 को उसका दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल गया है. यह पूरी तरह स्वदेशी है यानी इसका निर्माण भारत में ही किया गया है.
* आईएनएस विक्रांत का निर्माण भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों द्वारा प्रदान किए गए स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके किया गया है.
* भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास अपने दम पर विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता है.
* INS विक्रांत का नाम नौसेना के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर है, जो 1960 में मिला था
* आईएनएस विक्रांत पर अलग-अलग तरह के 30 से ज्यादा एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं. इनमें फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर आदि शामिल हैं.
* आईएनएस विक्रांत में अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटीज के साथ पूरा मेडिकल कैंपस है. इसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, लैब, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वॉर्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं शामिल है
* यह स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टर सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम होगा
* आईएनएस विक्रांत को 20 हजार करोड़ रुपये की लागत में तैयार किया गया है
* INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. इस लिहाज से इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर हो जाता है.
* यह वाहक 28 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार के साथ एक बार में 7 हजार 500 नॉटिकल मील (करीब 14 हजार किमी) की दूरी तय कर सकता है.
* इस विशाल जहाज में कुल 18 फ्लोर हैं. इन पर 2400 कंपार्टमेंट्स का निर्माण किया गया है. यहां 1600 स्ट्रॉन्ग क्रू रह सकती है. इसमें महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से खास कैबिन बनाए गए हैं
* INS विक्रांत पर आधुनिक सुविधाओं से लैस एक किचन है. इसमें मौजूद एक यूनिट प्रति घंटा 3 हजार रोटियां तैयार कर सकती है।
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